Friday, March 3, 2017

घुमन्तू बंजारों से हारी राजस्थान की भाजपा सरकार !

भीलवाड़ा जिले की शाहपुरा विधानसभा क्षेत्र के ढीकोला गांव के लोगों ने हमसलाह हो कर सन 2014 की 19 अप्रैल की सुबह डूंगरी चौराहा स्थित बंजारा बस्ती पर हमला बोल दिया। उन्मादी भीड़ को जो भी मिला ,उसे तहस नहस कर दिया। केरोसिन तथा पेट्रोल छिड़क कर घर जलाये,ट्रेक्टर ,मोटर साईकिलें को आग के हवाले कर दिया।चांदी सोने के गहने और नकदी लूट ली। गांव में मौजूद बंजारा महिलाओं के साथ अभद्रता की,उनके कपडे फाड़ दिए ।करीब 42 बंजारा परिवारों के मकान बर्बाद कर दिए।भीड़ ने पुलिस की मौजूदगी में कई घंटों तक जमकर तांडव मचाया ।

इस गंभीर मामले की प्राथमिकी शाहपुरा थाने में पीड़ित मोहन बंजारा ने दर्ज करवाई । मुकदमा संख्या 222/14 भारतीय दंड संहिता की धारा 147,148,149,395,452,354,436 तथा आर्म्स एक्ट 4/25 एवं 3 पीडीपीपी एक्ट के तहत दर्ज हुआ।जाँच के पश्चात 141 लोगो के विरुद्ध चार्जशीट पेश हुई,46 लोग गिरफ्तार हुये।इस हमले की राष्ट्रव्यापी निंदा हुयी।
ऐसे गंभीर आपराधिक प्रकरण को राज्य सरकार ने 23 नवम्बर 2016 को विड्रॉ करने का आदेश प्रदान कर दिया। यह वोटों के लालच में किया गया अन्यायपूर्ण फैसला था,जिसे स्थानीय भाजपाईयों के दबाव में लिया गया।यह बहुत ही गुपचुप तरीके से किया गया,ताकि फरियादी पक्ष को अपने लिए वक़्त ही नहीं मिल सके,पर किसी तरह पीड़ित बंजारा समुदाय को इसकी समय रहते भनक मिल गई और उन्होंने प्रोटेस्ट अप्लीकेशन दायर करवा दी।

इतना ही नहीं ,बल्कि पीड़ित लोग बंजारा युवा शक्ति संगठन के नेता परश राम बंजारा व कालु बंजारा के नेतृत्व में विधान सभाध्यक्ष कैलाश मेघवाल तथा गृह मंत्री गुलाब चंद कटारिया और गृह सचिव दीपक उप्रेती एवं मुख्यमंत्री के सचिव डॉ केके पाठक से मिले तथा उनसे मामले को वापस नहीं लेने की अपील की। सरकार में हर स्तर पर हैरानी जताई गई कि इतना गंभीर मामला वापस लेने का निर्णय कैसे हो गया । पुनर्विचार का भी आश्वासन दिया गया।फाइलें भी मंगा मंगा कर देखने दिखने की नाटकबाजी की .हालाँकि लोगों को इन राजनितिक व प्रशासनिक लोगों पर यकीन नहीं था ,वे कानूनी लड़ाई को भी मज़बूत करते रहे।सड़क से लेकर न्यायालय तक संघर्ष छेड़ा गया।

राजस्थान बार कौंसिल के पूर्व अध्यक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता सुरेश श्रीमाली ने इस केस में पैरवी करने का बंजारा समाज का अनुरिध स्वीकार कर लिया,जिससे पीड़ित पक्ष में उत्साह व्याप्त हुआ.10 फ़रवरी 2017 को एडवोकेट सुरेश श्रीमाली शाहपुरा स्थित एडीजे कोर्ट में पेश हुए,उन्होंने बहस हेतु निवेदन किया ,मगर बचाव पक्ष ने टाइम मांग लिया,कोर्ट ने 3 मार्च की तारीख नियत कर दी। इसी दिन अम्बेडकर पार्क में हुए बंजारा सम्मलेन को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि चाहे सुप्रीम कोर्ट तक भी जाना पड़े ,लेकिन बंजारों को न्याय दिलाएंगे।केस किसी कीमत पर विड्रॉ नहीं करने देंगे।
अंततः आज 3 मार्च 2017 को एडीजे कोर्ट शाहपुरा में हुयी जोरदार बहस में पीड़ित बंजारों की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता सुरेश श्रीमाली द्वारा दिए गए तर्कों से सहमत होते हुए न्यायाधीश महोदय ने फैसला दिया कि इस प्रकार के गम्भीर प्रकृति के आपराधिक प्रकरण को राज्य सरकार जनहित में वापस नहीं ले सकती है।केस न्यायालय में चलता रहेगा।

इस तरह से पीड़ित गरीब घुमन्तू बंजारा समाज की आज कोर्ट में बड़ी जीत हुयी है और राजस्थान की भाजपा सरकार को बड़ा झटका लगा है,उसे शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा है।न्यायालय के निर्णय के बाद बंजारा समुदाय तथा न्याय के पक्षधर लोगों एवम संगठनों में हर्ष व्याप्त है ।

-भंवर मेघवंशी
( संपादक -शून्यकाल यूट्यूब चैनल )

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